आख़िर क्या है भारतीय सेना में प्रवेश की ‘अग्निपथ योजना’?

‘अग्निपथ योजना 2022’ सशस्त्र बलों में भर्ती सम्बन्धी किया गया एक बड़ा परिवर्तन है और हाल ही में चर्चा का एक प्रमुख विषय रहा है।

अग्निपथ योजना क्या है?

  • यह योजना 17.5 - 21 वर्ष की आयु के युवाओं को अग्निवीर के रूप में सेवा करने की अनुमति देगी (वर्ष-2022 के लिए अग्निपथ योजना के तहत भर्ती किए जाने वालों की उम्र सीमा बढ़ा कर 23 वर्ष कर दी गई है)।
  • प्रशिक्षण की अवधि लगभग 6 महीने की होगी।

  • सेवा के बाद कोई पेंशन और भूतपूर्व सैनिक लाभ नहीं होगा।

  • केवल 25% अग्निवीरों के पास 4 साल की सेवा के बाद सशस्त्र बलों के साथ जारी रखे जाने का अवसर होगा।

  • वेतन के अलावा, अग्निवीरों को अपनी ड्यूटी खत्म करने के बाद लगभग 11.71 लाख रुपये की एक मुश्त राशि (सेवा निधि पैकेज) भी मिलेगी।

  • यह योजना सशस्त्र बलों की औसत आयु को कम करने में मदद करेगी। वर्तमान औसत लगभग 32 वर्ष है। इसका उद्देश्य 2030 तक औसत को 24-26 तक लाना है। ध्यान दें कि 2030 तक भारत की आधी आबादी का औसत 25 से कम होगा।

  • यह योजना लंबे समय में सशस्त्र बलों में समान अनुपात में युवाओं और अनुभव के संयोजन की अनुमति देगी। परिणामस्वरूप, सशस्त्र बलों की आधी ताकत अग्निवीरों की होगी और अन्य आधी अनुभवी कर्मियों की।

  • अग्निवीरों को अन्य लाभ प्राप्त होंगे, जैसे कि आगे की शिक्षा के लिए ऋण प्राप्त करने में सहायता; सेवा समाप्त हो जाने के बाद उच्च शिक्षा क्रेडिट एवं अन्य ब्रिजिंग पाठ्यक्रमों हेतु प्रोत्साहन ।

  • योजना के विषय में और अधिक जानकारी हेतु इस लिंक पर जाएँ:  mygov, joinindianarmy

सशस्त्र बलों में बदलाव की जरूरत क्यों पड़ी?

  • भारत दुनिया की चौथी सबसे मजबूत सैन्य शक्ति है। लगभग 13 लाख सक्रिय फ्रंटलाइन कर्मी हैं। कुछ रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि प्रौद्योगिकी के इस आधुनिक युग में ड्रोन, लंबी दूरी की मिसाइलें इत्यादि अधिक महत्त्वपूर्ण होती जा रही हैं और फलतः सेनाओं में एक कम जनशक्ति आधारित मॉडल अधिक प्रभावशाली होगा।
  • वर्ष 2022-23 के लिए रक्षा बजट लगभग 5,25,166 करोड़ है। इसमें से पेंशन और वेतन में से प्रत्येक का लगभग 1,20,000 करोड़ है, और लगभग 2,30,000 करोड़ रखरखाव लागत के रूप में निकलता है। नए मॉडल के साथ इन खर्चों को कम किया जा सकेगा और रक्षा उपकरणों पर अधिक निवेश का रास्ता खुल सकेगा।

लोग अग्निपथ योजना का विरोध क्यों कर रहे हैं?

  • 75% लोग जो सशस्त्र बलों के साथ सेवा जारी नहीं रख सकेंगे, उन्हें नौकरी के नए अवसरों की तलाश करनी होगी।
  • महामारी के बाद 2 साल तक कोई सैन्य भर्ती नहीं होने के बाद यह योजना सरकार द्वारा देश में बेरोजगारी की गंभीर समस्या के समय लाई गई है। इससे लाखों उम्मीदवारों को निराशा हुई है। उम्मीदवारों को यह भी डर है कि वे जल्द ही उम्र की आधारित सीमा से बाहर हो जाएँगे और सेना में नौकरियों के लिए आवेदन भी नहीं कर पाएँगे।

योजना के फ़ायदे और नुकसान क्या हैं?

फ़ायदे
नुकसान
युवा सशस्त्र बल
4 साल का छोटा कार्यकाल खराब प्रतिबद्धता का कारण बन सकता है
कम जनशक्ति आधारित सेना
प्रशिक्षण अवधि काफी कम होने के कारण अनुशासन में कमी
पेंशन बिल में कमी
कमीशंड अधिकारियों एवं कनिष्ठ कमीशंड अधिकारियों के प्रशासनिक कार्यों में वृद्धि हो जाएगी और उनके पास अपनी इकाइयों के परिचालन कार्य के लिए कम समय बचेगा।
भारतीय सेना में वर्तमान व्यवस्था औपनिवेशिक काल से चली आ रही है। इस योजना से बलों का अधिक समरूपीकरण होगा क्योंकि युवा रंगरूटों को विभिन्न बलों और इकाइयों में भेजा जाएगा।
सेवा के बाद रोजगार की अनिश्चितता

क्योंकि केवल 25% लोगों को ही आगे की सेवा करने का अवसर मिलेगा, इसलिए यह योजना सेना में एक-दूसरे से आगे बढ़ने की होड़ को अस्वस्थ बढ़ावा देगी। सैनिकों के बीच सौहार्द कम होगा और पक्षपात एवं चाटुकारिता को बढ़ावा मिलेगा।