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Class 12th व्यवसाय अध्ययन (Business Studies)
Chapter 1 - प्रबंध की प्रकृति एवं महत्व (Nature and Importance of Management)
“प्रबंध एक ऐसा पर्यावरण तैयार करने एवं उसे बनाए रखने की प्रक्रिया है जिसमें लोग समूह में कार्य करते हुए लक्ष्यों को कुशलता से प्राप्त करते हैं।" हैरल्ड कून्ट्ज एवं हींज व्हरिक
"Management is the process of designing and maintaining an environment in which individuals, working together in groups, efficiently accomplish selected aims." Harold Koontz and Heinz Weihrich
"प्रबंध को परिभाषित किया गया है कि यह संगठन के परिचालन के नियोजन, संगठन एवं नियंत्रण की प्रक्रिया है जो उद्देश्यों को प्रभावी एवं कुशलता से पूरा करने के लिए मानव एवं भौतिक संसाधनों में समन्वय के लिए की जाती है।" रॉबर्ट एल ट्रिवैली एवं एम. जैनी न्यूपोर्ट
“Management is defined as the process of planning, organising, actuating and controlling an organisation's operations in order to achieve coordination of the human and material resources essential in the effective and efficient attainment of objectives." Robert L. Trewelly and M. Gene Newport
"प्रबंध परिवर्तनशील पर्यावरण में सीमित संसाधनों का कुशलतापूर्वक उपयोग करते हुए संगठन के उद्देश्यों को प्रभावी ढंग से प्राप्त करने के लिए दूसरों से मिलकर एवं उनके माध्यम से कार्य करने की प्रक्रिया है।" क्रीटनर
"Management is the process of working with and through others to effectively achieve organisational objectives by efficiently using limited resources in the changing environment." Kreitner
प्रबंध उद्देश्यों को प्रभावी ढंग (Effectively) से एवं कुशलता (Efficiently) से प्राप्त करने हेतु कार्यों को पूरा कराने की प्रक्रिया (Process) है। इस परिभाषा के कुछ शब्द ऐसे हैं जिनका विस्तार से वर्णन करना आवश्यक है। ये शब्द हैं:-
कुछ विद्वान प्रबन्ध को कला बताते है क्योंकि प्रबन्ध ज्ञान एवं कौशल के व्यावहारिक प्रयोग से सम्बन्ध रखता है। जबकि कुछ विद्वान इसे विज्ञान मानते है क्योंकि यह उचित रूप से जाँचे गये सिद्धान्तो का प्रतिनिधित्व करता है। कुछ इसे पेशा भी मानते हैं।
कला का आशय इच्छित परिणामों को पाने के लिए वर्तमान ज्ञान का व्यक्तिगत एवं दक्षतापूर्ण उपयोग से है। कला की कुछ विशेषताएँ होती है जो की निम्नलिखित है:
प्रबन्ध में कला की ऊपर बताई गई सभी विशेषताएँ समाहित होती है। प्रबंध में व्यवसाय के उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए ज्ञान व कुशलता का उपयोग निहित होता है। अतः इसे कला माना जा सकता है।
विज्ञान किसी विषय का क्रमबद्ध ज्ञान होता है जो सही निष्कर्ष वाले निश्चित सिद्धांतों पर आधारित होता है जिसकी जाँच की जा सकती है। विज्ञान की निम्नलिखित विशेषताएँ होती है:
प्रबन्ध में भी सिद्धांतों एवं नियमों का क्रमबद्ध रूप विद्यमान होता है जो संगठनात्मक अभ्यासों को समझने में सहायक होते है। प्रबन्ध के अपने सिद्धान्त है जो कारण एवं प्रभाव सम्बन्ध स्थापित करते है, परन्तु विज्ञान की तरह ये सिद्धान्त निश्चित नहीं होते। इनमें परिस्थिति के अनुसार सुधार किया जा सकता है। प्रबंध में विज्ञान की कुछ विशेषताएँ समाहित है। अतः हम यह मान सकते हैं कि प्रबंध एक विज्ञान है परंतु संपूर्ण रूप से नहीं।
जब एक व्यक्ति विशिष्ट ज्ञान प्राप्त करके समाज को अपनी सेवाएँ देता है तथा बदले में पेशेवर फीस प्राप्त करता है तो उसे पेशा कहते हैं। पेशे की मुख्य विशेषताएँ इस प्रकार है:
प्रबन्धक के लिए किसी विशिष्ट डिग्री या लाइसेंस का होना अनिवार्य नहीं है और न ही किसी आचार संहिता का पालन करना पड़ता है। प्रबन्ध पेशे की सभी विशेषताओं को संतुष्ट नही करता है। अतः इसे एक पूर्ण रूप से पेश नहीं माना जा सकता है।
प्रबंधकीय स्तर
यह संगठन के वरिष्ठतम कार्यकारी, अधिकारी होते हैं जिसमें सामान्य: चेयरमैन, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, मुख्य प्रचालन अधिकारी, प्रधान, उपप्रधान आदि शामिल होते हैं। उच्च स्तरीय प्रबंध के कार्य:-
प्ये उच्च प्रबंधकों एवं नीचे स्तर के बीच की कड़ी होते हैं। ये उच्च प्रबंधन के अधीनस्थ एवं प्रथम रेखीय प्रबंधकों के प्रधान होते हैं। इन्हें सामान्यतः विभाग प्रमुख कहते हैं। इनके मुख्य कार्य:
संगठन की अधिकार पंक्ति में फोरमैन एवं पर्यवेक्षक निम्न स्तर पर आते हैं। इनके अधिकार एवं कर्त्तव्य उच्च प्रबंधकों द्वारा बनाई गई योजनाओं द्वारा निर्धारित होती हैं। इनके मुख्य कार्य निम्नलिखित हैं:-
किसी व्यवसाय के विभिन्न लोगो द्वारा की जाने वाली गतिविधियों में सामजस्य स्थापित करना समन्वय कहलाता है। एक व्यावसायिक उपक्रम के संदर्भ में, समन्वय का अर्थ व्यवसाय की विभिन्न क्रियाओं (क्रय, विक्रय, उत्पादन, वित्त, सेविवर्गीय आदि) को संतुलित करना है ताकि व्यवसाय के उद्देश्य को आसानी से प्राप्त किया जा सके।
समन्वय वह शक्ती है जो प्रबंध के सभी कार्यों को एक दूसरे से बाँधती है। समन्वय प्रबंध का कोई अलग कार्य नहीं होता बल्कि यह प्रबंध का सार है क्योंकि यह सामूहिक लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए किए गए व्यक्तिगत प्रयत्नों में एकता लाता है।
ApniClass
Class 12th व्यष्टि अर्थशास्त्र (Microeconomics) Notes
Class 12th समष्टि अर्थशास्त्र (Macroeconomics) Notes Class 12th व्यवसाय अध्ययन (Business Studies) Notes Class 12th लेखाशास्त्र (Accountancy) Part I Notes Class 11th अर्थशास्त्र (Economics) Notes