Class 12th व्यष्टि अर्थशास्त्र (Microeconomics)

Chapter 1

परिचय (Introduction)

अर्थशास्त्र (Economics): अर्थशास्त्र सामाजिक विज्ञान की वह शाखा है, जिसके अंतर्गत वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन, वितरण, विनिमय, और उपभोग का अध्ययन किया जाता है।

व्यष्टि अर्थशास्त्र (Microeconomics): व्यष्टि अर्थशास्त्र, अर्थशास्त्र की वह शाखा है जो व्यक्तिगत इकाइयों जैसे एक उपभोक्ता, एक उत्पादक से संबंधित आर्थिक समस्याओं का अध्ययन करती है।

समष्टि अर्थशास्त्र (Macroeconomics): समष्टि अर्थशास्त्र, अर्थशास्त्र की वह शाखा है जो संपूर्ण अर्थव्यवस्था के स्तर पर अर्थव्यवस्था से संबंधित आर्थिक तथ्यों, जैसे - पूर्ण रोजगार की समस्या, सकल राष्ट्रीय उत्पाद, बचत, निवेश, समग्र उपभोग आदि का अध्ययन करती है।

संसाधन (Resources): संसाधन का अभिप्राय उन वस्तुओं और सेवाओं से है, जिनका उपयोग अन्य वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन के लिए किया जाता है। जैसे: भूमि, श्रम, पूँजी, उद्यम, संगठन।

उत्पादन के कारक (Factors of Production): किसी वस्तु या सेवा के उत्पादन में जिन चीजों की आवश्यकता होती है उन्हें उत्पादन के कारक कहते हैं।

उत्पादन के मूलभूत कारक यह तीन हैं:

  1. भूमि (Land)
  2. श्रम (Labor)
  3. पूँजी (Capital)
संसाधनों की विशेषताएँ ( ):

  1. संसाधन दुर्लभ होते हैं।
  2. संसाधनों का वैकल्पिक प्रयोग होता है।

किसी भी आधुनिक अर्थव्यवस्था में सबसे महत्वपूर्ण संसाधन सामान्यत: उसका मानव संसाधन होता है।

यह मान्यता है कि अर्थव्यवस्था में जितनी अच्छी गुणवत्ता वाले संसाधन होंगे, उतनी ही अधिक और बेहतर गुणवत्ता की वस्तुओं और सेवाओं की उपलब्धता होगी और जीवनयापन का स्तर उतना ही ऊँचा होगा।

किसी भी अर्थव्यवस्था में संसाधन सीमित होते हैं और आवश्यकताएँ असीमित।

चुनाव की समस्या (Problem Of Choice):

  • किसी भी अर्थव्यवस्था में संसाधन सीमित होते हैं। इन सीमित संसाधनों से सीमित वस्तुओं और सेवाओं का ही उत्पादन हो सकता है। तो प्रश्न उठता है कि संसाधनों  का  प्रयोग किन वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन के लिए किया जाए? इसी सामाजिक-आर्थिक प्रश्न को चुनाव की समस्या कहते हैं।
  • सीमित संसाधनों के अनेक वैकल्पिक उपयोग होते हैं, इसीलिए प्रत्येक समाज में चुनाव की समस्या खड़ी हो जाती है।
अर्थव्यवस्था की केंद्रीय समस्याएँ (C entral Problems of the Economy ):
(i) क्या-क्या बनना चाहिए?

  • किन वस्तुओं का उत्पादन किया जाए?
  • कितनी मात्रा में उत्पादन किया जाए?

(ii) कैसे बनना चाहिए?
  • श्रम गहन तकनीकि
  • पूँजी प्रधान तकनीकि
(iii) किसके लिए बनना चाहिए?
  • व्यक्तिगत वितरण
  • कार्यात्मक वितरण

केंद्रीय योजनाबद्ध अर्थव्यवस्था (Centrally Planned Economy): ये वे अर्थव्यवस्थाएँ हैं जहाँ,

  • आर्थिक क्रियाओं (उपभोग, उत्पादन, निवेश तथा विनिमय) पर सरकार अथवा किसी केंद्रीय सत्ता का संपूर्ण नियंत्रण होता है।
  • आर्थिक निर्णय सामाजिक कल्याण को ध्यान में रखकर लिए जाते हैं।
  • उपभोक्ता की प्रभुता बाधित होती है। केंद्रीय अधिकारी यह निर्णय लेते हैं कि लोगों के लिए किन वस्तुओं का उत्पादन करना है।
  • अधिकतर संसाधनों पर सरकार का नियंत्रण होता है। सरकारी ही बाजार में वस्तुओं की कीमतों को निर्धारित करती है।
  • आर्थिक क्रियाओं की दृष्टि से सार्वजनिक क्षेत्र अत्यधिक सक्रिय होता है।
बाजार अर्थव्यवस्था (Market Economy): ये वे अर्थव्यवस्थाएँ हैं जहाँ,

  • आर्थिक क्रियाओं (उपभोग, उत्पादन, निवेश तथा विनिमय) पर बाजारी शक्तियों का नियंत्रण होता है।
  • आर्थिक निर्णय लाभ को अधिकतम करने के उद्देश्य से लिए जाते हैं।
  • उपभोक्ता का प्रभुत्व होता है। उपभोक्ता अपनी पसंद के अनुसार वस्तुएँ खरीदता है।
  • अधिकतर संसाधनों पर जनता का नियंत्रण होता है। वस्तुओं और सेवाओं की कीमत बाजार द्वारा निर्धारित की जाती है।
  • निजी क्षेत्र सक्रिय एवं सामर्थ्यशाली होता है।
बाजार (Market): बाजार का अर्थ उस स्थान से लगाया जाता है, जहाँ भौतिक रूप से उपस्थित क्रेताओं द्वारा वस्तुओं को खरीदा तथा विक्रेताओं द्वारा बेचा जाता है| हालाँकि, भौतिक रूप से खरीदने और बेचने वालों की उपस्थिति अनिवार्य नहीं होती है। उदाहरण: शेयर बाजार। 

बाजार अर्थव्यवस्था तथा केंद्रीय योजनाबद्ध अर्थव्यवस्था में अंतर (Difference between Market Economy and Centrally Planned Economy):

मिश्रित अर्थव्यवस्था (Mixed Economy): वे अर्थव्यवस्थाएँ हैं जहाँ,

  • आर्थिक क्रियाओं पर बाजारी शक्तियों का नियंत्रण होता है फिर भी वे सरकार द्वारा नियमित की जाती हैं।
  • आर्थिक निर्णय सामाजिक कल्याण तथा अधिकतम लाभ, दोनों उद्देश्यों को ध्यान में रखकर लिए जाते हैं।
  • उपभोक्ता प्रभुत्वसंपन्न होता है। परंतु सार्वजनिक वितरण प्रणाली द्वारा सरकार आवश्यक वस्तुओं की उपभोक्ताओं के पास पूर्ति सुनिश्चित करती है।
  • संसाधनों पर जनता तथा सरकार दोनों का नियंत्रण होता है। कीमत बाजार द्वारा निर्धारित की जाती है। परंतु सरकार आवश्यक वस्तुओं की कीमत नियंत्रित तथा नियमित करती है।
  • निजी एवं सार्वजनिक क्षेत्र, दोनों ही आर्थिक क्रियाओं की दृष्टि से सक्रिय होते हैं।
वास्तविक अर्थशास्त्र (Real Economics): वास्तविक अर्थशास्त्र भूत, वर्तमान तथा भविष्य के आर्थिक मुद्दों से संबंधित है। यह उन आर्थिक स्थितियों से संबंधित है जिनका तथ्यों तथा आंकड़ों द्वारा अध्ययन किया जा सकता है।

आदर्शात्मक अर्थशास्त्र (Normative Economics): आदर्शात्मक अर्थशास्त्र ‘क्या होना चाहिए’ से संबंधित है। यह आर्थिक मुद्दों अथवा आर्थिक समस्याओं पर अर्थशास्त्रियों के ‘विचारों’ से संबंधित है।

वास्तविक अर्थशास्त्र तथा आदर्शात्मक अर्थशास्त्र (Real Economics and Normative Economics):

उत्पादन संभावना वक्र (Production Possibility Frontier): यह वह वक्र है जो दो वस्तुओं के विभिन्न संभावित संयोगों को प्रकट करता है जिनका उत्पादन उपलब्ध संसाधनों द्वारा किया जा सकता है।

उत्पादन संभावना वक्र (PPF) की रचना की मान्यताएँ :

  • संसाधन दिए हुए हैं।
  • दिए हुए संसाधनों का पूर्ण एवं कुशल प्रयोग किया जाता है।
  • उत्पादन की तकनीकि स्थिर रहती है।

उत्पादन संभावना वक्र की विशेषताएँ (Characteristics of PPF):

  1. उत्पादन संभावना वक्र का ढलान नीचे की ओर होता है।
  2. उत्पादन संभावना वक्र का ढलान मूल बिंदु की ओर नतोदर (concave with respect to origin) होता है।
अवसर लागत (Opportunity Cost): अवसर लागत एक अवसर का लाभ उठाने के लिए दूसरे अवसर की हानि की लागत है।  उदाहरण के लिए, एक व्यक्ति को 20,000, 15,000 तथा 25,000 की नौकरी पाने का अवसर मिला।अब एक समझदार व्यक्ति 25,000 की नौकरी का ही चयन करेगा लेकिन उसे 25,000 की नौकरी पाने के लिए दूसरे सबसे अच्छे विकल्प 20,000 की नौकरी को छोड़ना पड़ेगा। अतः 25,000 की नौकरी पाने की अवसर लागत 20000 की नौकरी है।

वस्तु-1 की कुल अवसर लागत से अभिप्राय वस्तु-1 के उत्पादन में होने वाली उस कुल हानि से है जो दिए हुए संसाधनों को वस्तु-1 से वस्तु-2 में स्थानांतरित करने पर होती है।

सीमांत अवसर लागत (Marginal opportunity cost) से अभिप्राय वस्तु 2 के अतिरिक्त उत्पादन की प्रति इकाई अवसर लागत से है जब कुछ संसाधनों को एक अवसर से अन्य अवसर ( वस्तु 1 से वस्तु 2) में स्थानांतरित किया जाता है।